वेबसाइट आप की है भले ही मैंने सब कुछ सिखाया है मैने खुद ही उस पेड़ को सींचा है जिसमे काटे है ,खैर गलती इंसान से ही होती है , अगली बार ऐसे लोगो से बच कर रहूंगा इससे ये सबसे बड़ी सीख मिली है , खैर आप वेबसाइट पर कुछ भी लिख सकते है सबसे बड़ाई की उम्मीद भी नही की जा सकती है और हर कोई सपोर्ट करे ये भी संभव नही !
अब आते है लूट सहगो लूट ऑफर के तथ्योँ पर तो मैने कैश बैक करने का कोई टाइम कभी नही दिया आप हमारी नियम व शर्तों को पुनः पढ़ सकते है ।
कैश बैक कंपनी अपने आधार पर करेगी ।
अब रही बात मेरे और सिर के बीच की खिचड़ी की तो बड़ी रण नीतियां कुछ खास लोगो के साथ ही बनती है ,और वैसे भी भूपेंद्र सर,सुमेर सर ने इस कंपनी में अपना रुपया,टाइम और भरोषा लगाया है तो जाहिर सी बात है खिचड़ी तो पगेगी ही ।
और आप भी समझते है कि मार्ट 1-2 लाख में नही बनेगा तो जाहिर ही बात है कि कोई मेरा भी सुबह चिंतक होगा जो यह रुपया इन्वेस्ट कर रहा होगा ।
हा मए हवाइयां छोड़ता हु पर क्यों ??क्योकि मए उन्हें सच कर दिखाने की छमता रखता हूं , फ़िल्म मेकिंग ,यूट्यूब , कैश बैक , जीएसएस , सहगो मार्ट कभी हवाई ही थे पर अब नही और उसी प्रकार दुनिया का सबसे अमीर व्यक्ति बनना आज हवाई ही लगता है पर ज्यादा दिन तक नही रहेगा ।
कभी एडिसन ने भी बल्ब बना लेने की हवाई ही मेरी थी या न्यूटन ने ग्रेविटी की और आइंस्टीन ने समय की खैर में उन से अपनी तुलना नही करता पर यह एक फैक्ट है इस लिए कह दिया ।
और रही बात की मैने आप के "असफल" वाली बात कहने के बाद बचकानी हरकते स्टार्ट की तो आप को मेरी पूरे पोस्ट भी देखनी चाहिए । अभी मए बच्चा ही हु तो बच्चों जैसी हरकत करूँगा ही ।
हा ये बात सत्य है कि मए लोगो को समझ नही पाता यदि समझता तो इतने नुकसान नही उठता पर मुझे इस बात का दुख नही है धीरे धीरे सब सिख जाऊंगा ,
मुझे बहुतो ने धोखा दिया है पर मुझे उन से फर्क नही पड़ता मुझे फर्क उन से पड़ता है जो मुझे मेरे मुसीबतों में काम आए । है इस सफर में मेरे कई सुभचिंतक भी मिले उन में से सुमेर सर एक नायाब उदाहरण है ।
रही बात प्रेम की तो और संबंध की तो लोग इन विषय मे मए कुछ नही कह सकता क्योंकि यह व्यक्तिगत विचार होना चाहिए ।
जैसे कि आप ने ही कहा की कॉमेंट की सुरुआत आप ने ही कि पर आप ने अछे विचारो के साथ कहा था पर मए समझ न सका इसके लिए मए छमा पहले ही मांग चुका हूं ।
और आप ने सही कहा कि ;-
रहिमन धागा प्रेम का मत तोड़ो चटकाय ,
जब टूटे तब जुड़े नही जुड़े गांठ पर जाए ।
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