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नारद का महल मोह

gsirg.com नारद का महल मोह       मित्रोंआज हम तुम्हे भारतीय धर्म ग्रन्थों से सम्बन्धित एक दिलचस्प कहानी बताने जा रहे हैं, हमे आशा ही नही पूर्ण विश्वास है कि यह कहानी आपका पूरा मनोरंजन करेगी।       एक बार देवर्षि नारद को तीनो लोकों का भ्रमण करते हुए मन मे ख्याल आया कि मै तो सभी देवी देवताओं के पास भ्रमण करके पहुँचता ही रहता हूँ। सभी के पास सभी सुख सुविधाओं से युक्त ऊँचे ऊँचे विशालकाय महल हैं। उनके मन में यह भी आया कि भगवान् श्रीकृष्ण के पास भी तो बहुत महल आदि हैं ही,यदि वे एक- आध हमको भी दे दें तो हम भी यहीं आराम से टिक जायें, नहीं तो इधर-उधर घूमते रहना पड़ता है। भगवान् के द्वारिका में बहुत महल थे।       यही विचार करते करते नारदजी पहुँच गये द्वारिकापुरी और भगवान् से कहा," भगवन् ! आपके पास तो बहुत से महल हैं, एक हमको भी दो तो हम भी आराम से यहीं रहें। आपके यहाँ साथ रहने के अलावा यहीं खाने- पीने का भी इंतजाम अच्छा ही है ,सो मेरा शेष जीवन भी आराम से कट जायेगा। "       भगवान् सोंच मे पड़ गये कि यह मेरा परमभक्त है, विरक्त संन्यासी है। अगर मैंने इसे महल दे दिया और  अगर कही

भयानक कर्कट रोग कैंसर

Web -gsirg.com भयानक कर्कट रोग कैंसर इस संसार में प्राणलेवा रोगों में अनेक रोगों का नाम लिया जा सकता है जैसे HIV पॉजिटिव होना , डेंगू , ब्लडप्रेशर , चेचक और कैंसर आदि | इन सभी मारक रोगों में कैंसर का महत्वपूर्ण स्थान है | यह एक दुष्ट रोग है , तथा जिस भी प्राणी को यह रोग हो जाता है , उसे अपने जीवन का अंत निकट दिखाई पड़ने लगता है | क्योंकि अभी तक पूर्ण रूप से इस के सफल और सटीक इलाज की खोज नहीं हो पाई है | केवल आयुर्वेद ही इसकी सफल चिकित्सा करने में पूरी कामयाबी हासिल कर सका है | आज हम इस रोग के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे , और उसके सफल इलाज का वर्णन भी करेंगे | कारण आयुर्वेद में कैंसर को बड़े ही सूक्ष्म रूप में इसका सफल अध्ययन किया है | आयुर्वेद में कैंसर को रक्तार्बुद के नाम से जाना जाता है | पहले इसे असाध्य रोग माना जाता था | इस रोग की सही जानकारी होने पर रोगी परेशान होकर इस संसार से जाने की तैयारी करने की सोचने लगता है | प्राचीन समय में इस रोग के रोगी '' न '' के बराबर मिलते थे , परंतु आजकल इसका उग्र र

कठिन रोगों के सरल इलाज भाग एक

gsirg.com कठिन रोगों के सरल इलाज भाग 01 मेरे विद्वान पाठकगणों आज हम आपको कुछ ऐसे कठिन लोगों की चिकित्सा करने के सरल उपाय बताने जा रहे हैं | जिसको जानकर आप आसानी से उन परेशानियों को दूर कर सकते हैं | यहां पर आज हम कुछ ऐसे नुस्खे बताएंगे , जिनका उपायोग करके आप आसानी से आसपास की चीजों से ही सफलतापूर्वक कर सकते हैं | अपनी परेशानी दूर करने के साथ ही आप , अपने परिचितों का भी आसानी से इलाज कर सकते हैं | \\\ होठों का फटना \\\ सर्दियों में अक्सर लोगों के होठ वातावरण की नमी के कारण फटने लगते हैं | तथा होंठों के दो फटे स्थानों के बीच पपड़ी पड़ जाती है | जिसे लोग प्रायः दांतो से कुतरते रहते हैं | ऐसा करने से उनकी परेशानी घटने के स्थान पर बढ़ती ही चली जाती है | इसके उपचार के लिए आप यह तरीका अपनाएं | उपचार आप सभी से एक छोटी सी शीशी का प्रबंध करें और उसमें सरसों का तेल भर ले | इस बात का ध्यान रखें कि व्यापारिक सरसों का तेल प्रयोग न करें , केवल विश्वसनीय जगह से कोल्हू से पेर कर निकाला हुआ तेल ही उपयोग में लायें | तेल को इस शीशी में भरने के बाद इसे सुटक्षित